Tuesday, December 1, 2009

उम्र का तन्हा सफर

उम्र का तन्हा सफर अब कटता नहीं,
दिल को भी अब कोई जचता नहीं|
यू तो मिलते है हंस के सभी से -
दिल से दिल कोई मिलता नहीं |
जो आखो से दिल में उतरते है -
वो दिल को कभी मिलता नही|
हम आखो से दिल को पढ़ लेते है-
इसलिय हमे कोई पढ़ता नही|
दिलो से दिल आज दूर हो गए है-
प्यार को प्यार कोई समझता नहीं|
पढ़ ले ठीक से जो दिल पूर्णिमा
ऐसा दिल आज कोई दिखता नहीं|