Tuesday, December 7, 2010

प्यार की परिभाषाये {मेरी नजर में}

१.प्यार दिल का सुन्दर भाव है |
२. प्यार दिल का श्रृंगार है |
३.प्यार दूध में आया उबाल जैसा है, जो किसी पल तेजी से आता है, और फिर धीरे-धीरे नीचे उतर जाता है |
४. प्यार दिल का पागल पन है |
५. प्यार रोने का साधन है |
६. प्यार होने का समय नही होता |
७.प्यार दिल पर घटी दुर्घटना है |
८.शुद्ध प्यार आखो से झलकता है |
९. प्यार शब्दों का मोहताज नहीं |
१०.प्यार करते नहीं है हो जाता है |
११. प्यार में यू तो कुछ मिलता नही है,लेकिन दिल से निकलता नहीं है |
१२. प्यार में दर्द है, चुभन है फिर भी प्यार सुमन है |
१३. प्यार सागर है, लहरे उसका भाव जो किनारे से मिलकर वापस चली जाती है |
१४. प्यार उलझन है, परेशानी है |
१५. प्यार दिमाग से ज्यादा दिल के करीब है |
किसी की नजरो में प्यार बेकार है , किसी के लिए व्यापार तो किसी के ज़ीने का आधार |
प्यार की कोई एक परिभाषा नही हो सकती प्यार अपने आप में अपार है जिसका कोई ओर- छोर नही |

यूही

प्यार के सागर में डूबे हुए है,
फिरभी पूरे सूखे हुए है |
ना समझेगे वो बात हमारी-
खुद जो अपने में उलझे हुए है |
शहद से मीठे है सभी के लिए जो
नीम वो मेरे लिए बने हुए है |
यू तो बरसते है बादल हर जगह -
रेगिस्तान धरती पे भरे हुए है |
आसू वो सभी कों दिखाते नही है -
दिलो पे जो चोट लिए हुए है |
क्यों रोज बहाती है आसू चांदनी -
पत्तो के दिल पथराये हुए है |
प्यार कों प्यार सब समझते नही है ,
कुछ ही लोग पगलाए हुए है |

Monday, December 6, 2010

कल्पना

अपने है, सपने है और कल्पना है -
इन्ही से दिल लगाना ,
इन्ही में रंग भरना है |
अपने दर्द देते है -
सपने छोड़ चल देते है |
कल्पनाएँ हमे हसाती है -
अपने संग उड़ाती है |
नही छोडती साथ कभी भी -
हमेशा साथ निभाती है |
कल्पना में रहती हु -
उनके संग बहती हु |

Thursday, December 2, 2010

दिल कों बचाना है

विश्वाश टूटने पर दिल कों बहुत निराशा होती है लेकिन ये भी एक सीख होती है |
दोस्त अब किसी को बनाना नहीं है ,
दिल को और अब समझाना नहीं है |
सपने है अपने है और है कल्पना -
किसी की बातो में अब आना नही है |
मेरा दिल मुझे रुलाता है बहुत -
फिरभी दिल को मुझे भुलाना नहीं है |
हर बार दिल को एक सीख मिल रही -
दिल को दर्द से अब बचाना नहीं है |
बिना दिल के लोग, इसी लिए है रोग
हमे दिल में रोग लगाना नहीं है |
दिल चेहरे का एक आइना है -
नकाब इस पर मुझे चढ़ाना नहीं है |
दिल की जगह पम्प हो रहे है -
हमे दिल को पम्प बनाना नहीं है |

Monday, May 24, 2010

टूटी फूटी दिल्ली की सडक

आने वाले कॉमनवेल्थ गेम की वजह से उम्मीद करती हु दिल्ली की ये टूटी फूटी सडक ठीक हो गयी होगी|

हमारी दिल्ली प्यारी दिल्ली

Saturday, May 22, 2010

विश्वाश

दिल टूटने की आवाज नहीं होती,
आखे जरुर नम होती है|
दिल टूटने पर हम सम्भल जाते है,
विस्वाश टूटने पर हम टूट जाते है|
कोशशि ये होनी चाहिए की दोस्ती हो
या प्यार विस्वाश ना टूटे|
यही इंसानियत है मेरी नजर में|

Thursday, May 13, 2010

दोस्ती को खेल मत समझो

दोस्ती कभी भी किसी से हो सकती है आज के समय में दोस्ती भी लोग मतलब से करते है जबकि मै सोचती हु मतलब से की गयी दोस्ती,दोस्ती नही होती|जो लोग बिना सोचे दोस्ती शब्द को इस्तेमाल करते है वो लोग दोस्ती को खेल समझते है| क्या आप भी ऐसा सोचते है?

Tuesday, May 4, 2010

समस्या और समाधान मेरी नजर में

एक बड़ा सा घर,उसमे जितने कमरे उतने प्राणी, तीन बड़ी कार एक लाइन या वाक्य में कहे तो घर में ऐशो-आराम के सारे साधन,एक दूसरे के साथ हो कर भी सभी एक दूसरे से बहुत दूर है और इस दूरी का कारण ढूढ़ रहे है शराब के प्याले, मोबाईल, टीवी और रुपे पैसे,अय्याशी में आखिर कब- तक|
२४ घंटे में कभी तो ऐसा होता ज़ब इन्सान-इन्सान बन कर सोचता होगा| कब- तक सिर्फ अपने लिए जमा करता रहेगा,सिर्फ अपने को देखता रहेगा सिर्फ अपने पेट भरेगा सिर्फ अपनी छत और घर को देखता रहेगा| कब- तक आख मुदे सपने में खोया रहेगा,२४ घंटे में कभी तो जागता होगा|अगर जागता है तो क्या वो कभी भी अपने आसपास अपने से छोटे लोगो का दर्द नही देखता उनके बारे में नही सोचता शायद नही सोचता, अगर सोचता तो वो कभी भी इतना अकेला और दुखी नही होता|
हम दुखी तब भी होते ही ज़ब सिर्फ दिमाग से ज्यादा सोचते है और दिमाग को जरूरत से ज्यादा महत्व देते है अपने दिमाग को दिल का साथी बना कर चलो,दिमाग को दिल का दुश्मन बना कर नही|
जो दुखी है वो केवल आज के बारे में सोच रहे है और जमा करते जा रहे है करते जा रहे है,ओर दूसरी तरफ वो है जो जमा कर तो रहे मगर बाट भी रहे है अपने लिए जी रहे है मगर दूसरो की भी सोच रहे है,और उनके लिए भी कुछ कर रहे है जो कर सकते है|
नेक कामो में परेशानी तो होती है मगर दिल को सुकून और दिलो की दुआ मिलती है उससे दिल को शांति ओर दिमाग को भी सुकून मिलाता है|

Monday, May 3, 2010

हम सोचते क्यों नही

जिस दिन इन्सान को इन्सान समझने लगेगा, और अपने लिए ही नहीं दुसरो के लिए भी सोचेगा, दिमाग के साथ- साथ दिल से भी काम लेगा उस दिन सब खुश होगे ऐसा मुझे लगता है|
एक दिन एक कोआ घायल हो गया उसकी मदद को तमाम कोआ जमा हो गए सब ने उसके पास घेरा बना लिया ताकि उसे कोई कष्ट न हो ज़बकि हम इन्सान हो कर भी ऐसा कम ही करते है आज हर कोई अपने आप मै मस्त और व्यस्त है| जबकि सबको पता एक दिन हम सबको मर जाना है और कुछ नहीं साथ जाना है|

Wednesday, March 10, 2010

माँ की याद

माँ तुम्हारी याद आती है,
आ कर कर मुझे सताती है|
माँ तुम्हारी गोदी याद आती है-
जिसमे सोकर बचपन गुज़ारा-
रात-रात भर तुमको सताया|
फिर भी तुमने गले लगाया|
माँ तुम्हारी याद आती है-
वो रोटी याद आती है-
जब तुम मुझको खिलाती थी-
और मै भाग जाती थी ज़ब
तुम पकड़ने आती थी मै-
बिस्तर में छिप जाती थी|
माँ तुम्हारी याद आती है-
जब बिना बताये कही
जाती थी, और तुम मुझे ढूढ़ नहीं पाती थी
जब मै तुम्हे मिल जाती थी-
तुम मेरी मार लगाती थी|
फिर खुद ही गले लगाती थी|
माँ तुम्हारी याद आती है-
तुम्हारे आंसू तुम्हारा दर्द-
सब कुछ अभी भी याद है-
माँ तू हरदम मेरे साथ है|

Friday, March 5, 2010

मन का भ्रम

मन के साथ उड़ रहा है मन,
पखं पसारे-
जान के अनजान है-
मन,मन से परेशान है|
कुछ हाथ नहीं आएगा-
मन समझ नहीं पायेगा|
चाँद की है चांदनी-
आकाश के है तारे|
धरती का आकाश,
फूल की सुगधं
कुछ नहीं मन के संग|
तू क्यों पखं पसारे
दिल के पिंजरे में-
कैद हो जा मन|
क्यों तू पखं पसारे-
छिप के नीर बहा ले|
मन तू मन को समझ ले
मन तू मन को बहला ले|
मन को मन कही बहका न ले|

Wednesday, February 3, 2010

कुछ तो सोचे

वैसे तो हर जगह पेडो की कटाई हो रही और उसकी जगह ऊंची -ऊंची इमारते और मौल बनते जा रहे है दिल्ली इस रेस में सबसे आगे है| पेपर और मैगज़ीन में दिल्ली के बदलते हवा, पानी के बारे में अच्छी खबर नही आती है|दिल्ली के रखवालो को खेलो को ध्यान में रखकर नही आने वाले समय और परेशानी को भी ध्यान में रखकर दिल्ली का मेकप करना चाहिए नाकि बाहर वालो का मात्र स्वागत करने के लिए|इस बारे में मेरे साथ-साथ ये पंछी भी सोच रहा है आप क्या सोचते है?

Friday, January 15, 2010

नव-वर्ष मुवारक हो

नव वर्ष आप सभी को मुबारक हो, जिसके पास दिमाग ज्यादा है उसे दिल से भी काम लेने की शक्ति प्राप्त हो और जिसके पास दिल है उसे दिमाग से काम लेने और सोचने की शक्ति प्राप्त हो सभी के लिए ईश्वर से येही प्रार्थना है|
अपने लिए सोचे ज़रूर लेकिन देश और समाज के लिए भी कुछ सोचे और करे|