Tuesday, February 3, 2009

आया की मदद

स्कूल के दिनों की बात है।स्कूल में प्रार्थना का समय था। सभी लाइन में प्रार्थना के लिए खड़े थे। प्रार्थना खत्म होने के बाद जैसे ही मैंने आखे खोली मैंने देखा मेरी स्कूल की आया की चप्पल टूट गई थी। वो उसे जोड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बार-बार उसकी कोशिश नाकाम हो रही थी, मैं लगातार उसे देख रही थी, मुझसे रहा नही गया| मैंने क्लास टीचर से पूछे बिना लाइन से हट कर अपनी आया की चप्पल सेफ्टी पिन से जोड़ दी| उसने प्यार से मेरी तरफ देखा और मुस्कुराई मैं बहूत खुश हुइ, सामने मेरी क्लास टीचर मुझे देख रही थी |
वो भी मुझे देख कर मुस्कुराई मैं क्लास की तरफ चल दी| क्लास टीचर ने कुछ नही कहा, मेरी सहेलियों को शायद ठीक नही लगा| अपनी आया की मदद करके मेरे दिल को खुशी हुई और क्या चाहिए|


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