Thursday, September 24, 2009

कुछ मेरी सुनो

इन्सान को इन्सान समझा जाय,
उसके दर्द को दर्द|
किसी को रूपये से ना तोला जाय,
यानि रूपये से बड़ा ना समझा जाय|
उसके गुण से उसे तोला जाए|
भगवान को भोग लगना जरूरी है -
लेकिन भूखे को भोजन करना-
उससे जरूरी है|
हम सब अपने आप को सुधार ले सब ठीक हो जायेगा|
हर कोई दुसरे की भावनाओं को समझे -
अपनी बात दुसरे पे ना थोपे|
दुसरे की गरीबी का मजाक ना उडाये
रुपया किसी का मित्र नही|
रंग रूप पर घमंड ना किया जाय,
कभी भी कुछ हो सकता है|
हर एक बात दिमाग के साथ साथ,
दिल से भी सोचे|
प्यार को किसी धर्म से ना जोड़े
प्यार का रंग रूप एक है|
सभी से प्यार करे और प्यार,
करने वालो की कद्र करे-
प्यार को जाति-धर्म से ऊपर
उठ कर देखे|
हर और शान्ति हो जायेगी|

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