१.प्यार दिल का सुन्दर भाव है |
२. प्यार दिल का श्रृंगार है |
३.प्यार दूध में आया उबाल जैसा है, जो किसी पल तेजी से आता है, और फिर धीरे-धीरे नीचे उतर जाता है |
४. प्यार दिल का पागल पन है |
५. प्यार रोने का साधन है |
६. प्यार होने का समय नही होता |
७.प्यार दिल पर घटी दुर्घटना है |
८.शुद्ध प्यार आखो से झलकता है |
९. प्यार शब्दों का मोहताज नहीं |
१०.प्यार करते नहीं है हो जाता है |
११. प्यार में यू तो कुछ मिलता नही है,लेकिन दिल से निकलता नहीं है |
१२. प्यार में दर्द है, चुभन है फिर भी प्यार सुमन है |
१३. प्यार सागर है, लहरे उसका भाव जो किनारे से मिलकर वापस चली जाती है |
१४. प्यार उलझन है, परेशानी है |
१५. प्यार दिमाग से ज्यादा दिल के करीब है |
किसी की नजरो में प्यार बेकार है , किसी के लिए व्यापार तो किसी के ज़ीने का आधार |
प्यार की कोई एक परिभाषा नही हो सकती प्यार अपने आप में अपार है जिसका कोई ओर- छोर नही |
Tuesday, December 7, 2010
यूही
प्यार के सागर में डूबे हुए है,
फिरभी पूरे सूखे हुए है |
ना समझेगे वो बात हमारी-
खुद जो अपने में उलझे हुए है |
शहद से मीठे है सभी के लिए जो
नीम वो मेरे लिए बने हुए है |
यू तो बरसते है बादल हर जगह -
रेगिस्तान धरती पे भरे हुए है |
आसू वो सभी कों दिखाते नही है -
दिलो पे जो चोट लिए हुए है |
क्यों रोज बहाती है आसू चांदनी -
पत्तो के दिल पथराये हुए है |
प्यार कों प्यार सब समझते नही है ,
कुछ ही लोग पगलाए हुए है |
फिरभी पूरे सूखे हुए है |
ना समझेगे वो बात हमारी-
खुद जो अपने में उलझे हुए है |
शहद से मीठे है सभी के लिए जो
नीम वो मेरे लिए बने हुए है |
यू तो बरसते है बादल हर जगह -
रेगिस्तान धरती पे भरे हुए है |
आसू वो सभी कों दिखाते नही है -
दिलो पे जो चोट लिए हुए है |
क्यों रोज बहाती है आसू चांदनी -
पत्तो के दिल पथराये हुए है |
प्यार कों प्यार सब समझते नही है ,
कुछ ही लोग पगलाए हुए है |
Monday, December 6, 2010
कल्पना
अपने है, सपने है और कल्पना है -
इन्ही से दिल लगाना ,
इन्ही में रंग भरना है |
अपने दर्द देते है -
सपने छोड़ चल देते है |
कल्पनाएँ हमे हसाती है -
अपने संग उड़ाती है |
नही छोडती साथ कभी भी -
हमेशा साथ निभाती है |
कल्पना में रहती हु -
उनके संग बहती हु |
इन्ही से दिल लगाना ,
इन्ही में रंग भरना है |
अपने दर्द देते है -
सपने छोड़ चल देते है |
कल्पनाएँ हमे हसाती है -
अपने संग उड़ाती है |
नही छोडती साथ कभी भी -
हमेशा साथ निभाती है |
कल्पना में रहती हु -
उनके संग बहती हु |
Thursday, December 2, 2010
दिल कों बचाना है
विश्वाश टूटने पर दिल कों बहुत निराशा होती है लेकिन ये भी एक सीख होती है |
दोस्त अब किसी को बनाना नहीं है ,
दिल को और अब समझाना नहीं है |
सपने है अपने है और है कल्पना -
किसी की बातो में अब आना नही है |
मेरा दिल मुझे रुलाता है बहुत -
फिरभी दिल को मुझे भुलाना नहीं है |
हर बार दिल को एक सीख मिल रही -
दिल को दर्द से अब बचाना नहीं है |
बिना दिल के लोग, इसी लिए है रोग
हमे दिल में रोग लगाना नहीं है |
दिल चेहरे का एक आइना है -
नकाब इस पर मुझे चढ़ाना नहीं है |
दिल की जगह पम्प हो रहे है -
हमे दिल को पम्प बनाना नहीं है |
दोस्त अब किसी को बनाना नहीं है ,
दिल को और अब समझाना नहीं है |
सपने है अपने है और है कल्पना -
किसी की बातो में अब आना नही है |
मेरा दिल मुझे रुलाता है बहुत -
फिरभी दिल को मुझे भुलाना नहीं है |
हर बार दिल को एक सीख मिल रही -
दिल को दर्द से अब बचाना नहीं है |
बिना दिल के लोग, इसी लिए है रोग
हमे दिल में रोग लगाना नहीं है |
दिल चेहरे का एक आइना है -
नकाब इस पर मुझे चढ़ाना नहीं है |
दिल की जगह पम्प हो रहे है -
हमे दिल को पम्प बनाना नहीं है |
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