jab jaago tabhi savera
Thursday, March 10, 2011
मन
मन कितना चंचल है यारो -
जितना पकड़ो उतना भागे |
छोड़ दिया मैने अब इसको -
इसकी किस्मत इसके हवाले |
बाधो कभी न मन कों मन से -
बाधा तो पछताओगे |
उड़ने दो मन कों मगन में -
देखो तुम मुस्काओगे |
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