jab jaago tabhi savera
Thursday, May 13, 2010
दोस्ती को खेल मत समझो
दोस्ती कभी भी किसी से हो सकती है आज के समय में दोस्ती भी लोग मतलब से करते है जबकि मै सोचती हु मतलब से की गयी दोस्ती,दोस्ती नही होती|जो लोग बिना सोचे दोस्ती शब्द को इस्तेमाल करते है वो लोग दोस्ती को खेल समझते है| क्या आप भी ऐसा सोचते है?
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