Thursday, March 5, 2009

फुलझडी

१. एक कुत्ता दुसरे कुत्ता का दर्द समझ जाता है,
पास बैठ सहलाता,दुम हिलाता है|
एक आदमी दुसरे आदमी का दर्द समझ,
नहीं पाता है,
पास से देख कर निकल जाता है सिर्फ,
बात बनाता है|
२. पराये फिर भी समझ जाते हैं,
अपने सिर्फ दर्द दे जाते है|
परायो को छोड़ना पड़ता हैं,
अपनों को भोगना पड़ता हैं |
३.प्यार चुंबन या मिलन नहीं,
प्यार कोई चुंभन नहीं,
प्यार एक कोरा कागज़ हैं,
जिसे प्यार ही समझ सकता हैं,
जिसमे कुछ लिखा नहीं लेकिन-
सब कुछ लिखा हैं जिसे प्यार ही पढ़ सकता हैं|

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