Thursday, March 19, 2009

सिसकती कश्मीर

रोती है कश्मीर,दिल उसका उदास है|
कल तक सब ठीक था आज बदहाल हैं|
नेता आये, वादे आये,बात बनाये चले गए|
कश्मीर पर राजनीति,उल्टी-सीधी पक रही,
घर बेठे तमाश देखे हम,कश्मीर धूं-धूं जल रही|
मैं भी उन लोगो में शामिल हु जो पेपर और मैगजीन में कश्मीर के बारे में पढ़ कर दो मिनट उदास हो कर चुप हो जाते हैं,या चार लोगो में बाते करके अपनी भड़ास निकलते हैं| क्यों हम और आप कश्मीर को भूलते जा रहे हैं कश्मीर की खूबसूरत वादियों को क्यों भूल रहे हैं क्या वहा के फलो,जडी-बूटियों के फायदे नुकसान के बारे में हम-तुम नहीं जानते| कश्मीर की कढाई तो देश-विदेश में मशहूर हैं उन्नत किस्म की केसर भी इन्ही वादियों और मिट्टी का खूबसूरत तोहफा हैं जो खुदा ने हमे दिया हैं|
आज जम्मू और कश्मीर की जो स्थिति हैं उस पर हम-सब को कुछ सोचने की नहीं करने की जरूरत हैं लेकिन शुरुआत कौन करे हम में से कोई हिन्दू है कोई मुसलमान है कोई सिख,ईसाई | हिन्दुस्तानी या भारतीय नहीं अगर होते तो समस्या का समाधान हो जाता| हम सब ने एक स्वर में कभी कश्मीर के लिय आवाज नहीं उठाई|
कभी-कभी कश्मीर से जान बचाकर कर आये लोग जो दिल्ही और जगह-जगह रह रहे है उनसे बात-चित करके एक दो बार वहाँ के हालत पता लगे एक बार दो युवा से मेरी बात-चित हुई उन दोनों से बात करके मेरा दिल उदास हो गया ज्यादा तो में कर नहीं सकती थी 100 रु देकर मैं ने अपना दिल हल्का कर लिया लेकिन बाद में भी सोचने के सिवा मैं क्या कर सकती थी| जब मैं अपनी वर्ग की महिलायों से बात करती हु तो सब मुझे पागल समझते हैं फिर मैं सोचती हु कोई बात नहीं इनकी नज़र में पागल ही सही|
मुझे याद है जब में आठ या नौ साल की थी तब मेरे बाउजी कश्मीर के मीठे सेब और अखरोट लाये थे| एक बार कश्मीरी कपडे वाला आया उससे हमने कश्मीरी शाले और शलवार कुरता का कपडा लिया,मुझे याद है उस कपडे वाले का दर्द भरा चहेरा उसकी गरीबी जो उस तपती दोपहर में उसे कपडे बचेने के लिए और घर वालो को जिंदा रखने के लिए मजबूर किये हुवे थी| इससे ज्यादा और क्या कहु|
मैं सिर्फ इतना चाहती हु जम्मू और कश्मीर हमारे देश का अभिन्न हिस्सा हैं उसकी समस्या का समाधान जरूरी है इस बारे में हम सब को भारतीय बन कर सोचना चाहिए, हिन्दू मुस्लिम बन कर नहीं| इन्सान के खून का रंग लाल है और स्नेह{प्यार}का रंग भी लाल| सोचो तो दर्द का अहसास भी एक तो फिर हम अलग-अलग कैसे हुवे दिल और दिमाग से सोचो हम सब एक हैं|

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